डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग पर अड़े किसान दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 42 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और किसानों के बीच 8 राउंड की वार्ता फेल हो चुकी है, अब सबकी नजरें 8 जनवरी की वार्ता पर है। वहीं सरकार से बातचीत से पहले किसान संगठनों ने आज ट्रैक्टर रैली का ऐलान किया है। बहादुरगढ़ और टिकरी से सिंघु बॉर्डर के लिए हजारों किसान ट्रैक्टरों पर रवाना होंगे। इसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसान भी शामिल होंगे। किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि ये ट्रैक्टर रैली 26 जनवरी को निकलने वाली रैली का ट्रेलर होगा।
किसान तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हैं। सरकार MSP को जारी रखने को लेकर कई बार भरोसा दिला चुकी है, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं है। किसानों की एक सूत्री मांग नए कृषि कानूनों को रद्द करने की है।
केएमपी एक्सप्रेस वे पर ट्रैक्टर यात्रा
7 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में गाजीपुर बॉर्डर से पलवल तक किसानों की ट्रैक्टर यात्रा निकलेगी। ये ट्रैक्टर यात्रा कुंडली मानेसर पलवल यानी कि केएमपी एक्सप्रेस वे पर निकाली जाएगी। यह ट्रैक्टर यात्रा ईस्टर्न पेरिफेरल रोड पर दुहाई, डासना बील अकबरपुर, सिरसा होते हुए पलवल जाएगी और वहां से वापस आएगी। इस दौरान बील अकबरपुर और सिरसा कट से पलवल की तरफ जाने वाले वाहन 12 बजे दिन से दोपहर 3 तक पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे, इनको डाइवर्ट किया जाएगा। इसी तरह सिरसा कट और बील अकबरपुर से सोनीपत की तरफ जाने वाले वाहन 2 से 5 बजे तक पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे, उन्हें डाइवर्ट किया जाएगा।
हाईटेक होगी ट्रैक्टर रैली
किसानों ने ट्रैक्टर यात्रा की हाईटेक तैयारी की है। जत्थों का गूगल लोकेशन का पता भी दिया गया है, ताकि रास्ते में पड़ने वाले गांव कस्बों के किसान भी साथ आ सकें। इसके अलावा दिल्ली में जमे किसानों को भी किसान जत्थों के सफर की पल-पल की जानकारी मिलती रहे। इसके अलावा हर एक जत्थे में एक दो प्रभावशाली और जिम्मेदार किसान नेताओं को संपर्क सूत्र बनाते हुए उनके मोबाइल नम्बर भी सार्वजनिक किए गए हैं।
9 जनवरी को जलाएंगे प्रतियां
किसान संगठनों का कहना है कि अगर 8 जनवरी की बैठक में कृषि कानून को रद्द करने की मांग नहीं मानी गई तो 9 जनवरी को कृषि कानून की प्रतियां जलाने की तैयारी है। साथ ही 9 जनवरी से ही हरियाणा में किसान संगठन घर-घर जाकर लोगों से संपर्क अभियान शुरू करेंगे।
250 महिलाएं करेंगी 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड की अगुवाई
किसानों ने कहा कि सरकार ने कृषि कानून वापस नहीं लिए तो दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड करेंगे। परेड का नेतृत्व पंजाब और हरियाणा की महिलाएं करेंगी। वे किस तरह रैली को अंजाम देंगी, ये भी सोच लिया है। हरियाणा की करीब 250 महिलाएं ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं।
किसानों की सरकार से 8 जनवरी को बातचीत
किसानों और सरकार के बीच 4 जनवरी की मीटिंग बेनतीजा रही और अगली तारीख 8 जनवरी तय हुई। अगली मीटिंग में कृषि कानूनों को वापस लेने और MSP पर अलग कानून बनाने की मांग पर बात होगी। यह 9वें दौर की बैठक होगी। इससे पहले सिर्फ 7वें दौर की मीटिंग में किसानों की 2 मांगों पर सहमति बन पाई थी, बाकी सभी बैठकें बेनतीजा रहीं।
किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर पक्के निर्माण शुरू किए
आंदोलन लंबा खिंचता देख किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर ईंट-गारे से पक्के ठिकाने बनाने शुरू कर दिए हैं। पिछले दिनों हुई बारिश के चलते उनके टेंट गिर गए थे। आंदोलन कर रहे किसान सड़क के बीच में ही पक्के ऑफिस भी बना रहे हैं। अब वे मवेशियों को भी यहीं लाने की तैयारी कर रहे हैं।
मकर संक्रांति को किसान संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाएगा
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 9 जनवरी को सर चौधरी छोटूराम की पुण्य तिथि पर सभी मोर्चो पर याद किया जाएगा। सर छोटूराम को एक किसान नेता के रूप में याद किया जाता था। इसके बाद 13 जनवरी को लोहड़ी और 14 जनवरी को मकर संक्रांति को किसान संकल्प दिवस के रूप में मनाने का एलान किया गया है।
कृषि कानूनों के खिलाफ 41 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसान
बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन का मंगलवार को 41वां दिन था। केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर किसान 26 नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। इस मसले के समाधान के लिए किसान और सरकार के बीच सातवें दौर की वार्ता सोमवार को बेनतीजा रहने के बाद अब अगले दौर की वार्ता आठ जनवरी को तय की गई है।