डिजिटल डेस्क ( भोपाल)। किसान आंदोलन का आज (28 जनवरी) 64वां दिन है। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 2 महीने से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन की धार मंद भले ही पड़ गई हो, लेकिन आंदोलन जारी है और हजारों की संख्या में महिलाएं अभी भी बॉर्डर पर बैठी हुई हैं। 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर गणतंत्र परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद प्रशासन सख्त हो गया है। लाल किला आईटीओ और राष्ट्रीय राजधानी के अन्य हिस्सों में हुड़दंग मचाने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, जिसके बाद आंदोलन की रहनुमाई करने वाले नेता भी सकते में हैं। कई प्रमुख नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने एक नोटिस भेजकर किसान नेताओं से पूछा है कि आप पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाए।
हिंसा के बाद किसानों को बदनाम करके इस पर राजनीति शुरू हो गई है। केंद्र सरकार इस मामले में पूरी तरह फैल नजर आ रही है। ऐसा लग रहा है कि कुर्सी बचाने के लिए लाल किले की हिंसा को होने दिया गया। इसके बाद से किसानों पर एफआईआर की जा रही है और प्रदर्शनकारियों को तखलीफ देने के लिए गाजीपुर बार्डर पर बिजली काट दी गई है। ट्रैक्टर रैली में हिंसा को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के खिलाफ FIR हो चुकी है। लेकिन, उनके तेवर नहीं बदले हैं। टिकैत ने अब सरकार को धमकी भरे लहजे में चेतावनी दी है। क्योंकि, गाजीपुर बॉर्डर पर बुधवार रात 8 बजे बिजली काटने से टिकैत गुस्सा हो गए। टिकैत ने कहा कि ‘सरकार दहशत फैलाने का काम कर रही है। इस तरह की कोई भी हरकत पुलिस-प्रशासन न करे।
इसके पहले एनआरसी के विरोध के समय भी हिंसा को जन्म दिया गया और कई बेकसूरों के मारे जाने के बाद आंदोलन शांत हुआ। किसान आंदोलन में 60 से ज्यादा किसानों की मौत पर कोई चर्चा नहीं है, लेकिन 60 पुलिस वालों के घायल होने का मुद्दा बनाया जा रहा है।
दीप सिद्धू का ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ वाला अंदाज
लाल किले में किसानों को भड़काने वाले भाजपा के समर्थन माने जाने वाले दीप सिद्धू लाल किले पर मौजूद थे। उनका नाम सामने आने के बाद उन्होंने बुधवार देर रात अपने फेसबुक पेज पर लाइव आकर किसान नेताओं को धमकी दी। कहा- तुमने मुझे गद्दार का सर्टिफिकेट दिया है, अगर मैंने तुम्हारी परतें खोलनी शुरू कर दीं तो तुम्हें दिल्ली से भागने का रास्ता नहीं मिलेगा। सोशल मीडिया में दीप सिद्धू की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सांसद सनी देओल के साथ तस्वीर वायरल हो रही है। जिसके बाद सनी को ट्वीट करना पड़ा कि उनका दीप से कोई लेना देना नहीं है।
उधर, 27 जनवरी को धड़ाधड़ एक के बाद एक एफआईआर के बाद 2 किसान संगठनों ने आंदोलन से अलग होने का ऐलान कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने पहले 37 किसान नेताओं को रैली की शर्तें तोड़ने का आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज की है।
विपक्ष इस हिंसा के लिए गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार बता रहे हैं। जब से वह गृह मंत्री बने हैं उसके बाद से यह दिल्ली में दूसरी सबसे बड़ी हिंसा है।
किसान गणतंत्र परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर किसान नेता भी दुखी हैं। भारतीय किसान यूनियन के जनरल सेक्रेटरी और पंजाब के किसान नेता परमिंदर सिंह पाल माजरा ने कहा लाल किला में जो हुड़दंग मचाया गया उसके लिए हम सभी लोग दुखी हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग इसमें शामिल थे, वो किसानों के हितैषी नहीं हैं। हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण था और आगे भी रहेगा लेकिन कुछ उपद्रवियों ने उस में घुसकर आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की।
लाल किला पर्यटकों के लिए 31 जनवरी तक हुआ बंद
दिल्ली में ऐतिहासिक लाल किले को 31 जनवरी तक बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि लाल किला 27 जनवरी से 31 जनवरी तक पर्यटकों के लिए बंद किया जा रहा है।