डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन प्रोग्राम को लेकर एक अच्छी खबर आ रही है। इसके तहत फरवरी के पहले हफ्ते से फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जाएगा। इनमें पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी समेत वे लोग शामिल होंगे, जो कोरोना की लड़ाई में सबसे आगे हैं। बता दें कि 16 जनवरी से शुरू हुए वैक्सीनेशन प्रोग्राम के तहत वर्तमान में हेल्थकेयर वर्कर्स को कोविड-19 की पहली डोज दी जा रही है।
कोविड-19 के इलाजरत मरीजों की संख्या 1.71 लाख हुई
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार कमी आ रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि कोविड-19 के इलाजरत मरीजों की संख्या कम होकर 1.71 लाख (एक लाख 71 हजार 686) हो गई है जो कुल संक्रमण का महज 1.60 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण की दर कम होकर 5.50 फीसदी रह गई है।
राष्ट्रीय संक्रमण दर घटकर 5.50 फीसदी पहुंची
कोरोना वायरस के लिए देश में कुल जांच 19.5 करोड़ (19 करोड़ 50 लाख 81 हजार 079) हुई और इनमें से सात लाख 42 हजार 306 जांच गुरुवार को हुई। मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय संक्रमण दर घटकर 5.50 फीसदी रह गई है। इसने कहा कि प्रति दस लाख की आबादी पर भारत में मामलों की संख्या सबसे कम है।
देश में अब तक 1,03 करोड़ संक्रमित लोग ठीक हुए
भारत में संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 1,03,94,352 है। पिछले 24 घंटे में कुल 18,855 नए मामले सामने आए हैं, जबकि इस दौरान 20,746 रोगी ठीक हुए हैं। मंत्रालय ने बताया कि नए मामलों में से 85.73% पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं। छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक 6451 नए मामले सामने आए हैं। वहीं पिछले 24 घंटों में 163 लोगों की मौत हुई है, जिनमें सबसे अधिक 50 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई।
सरकार की नीतियों की वजह से एक लाख मौतें रोकी जा सकीं
चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. के सुब्रमण्यम ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए भारत सरकार की नीतियों की वजह से देश में 37 लाख केस कम आए। वहीं, करीब 1 लाख मौतों को भी रोकने में कामयाबी मिल सकी। उन्होंने शुक्रवार को इकोनॉमिक सर्वे 2020-21 पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इसकी जानकारी दी।
सर्वे के मुताबिक महाराष्ट्र में केस और मौतों के मामलों को कम करने के लिए परफॉर्मेंस उम्मीद के मुताबिक नहीं रही। उत्तर प्रदेश, गुजरात और बिहार में नीतियों के मुताबिक हालात को सुधारने में सफलता मिली। वहीं, केरल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मौतों के मामले को कंट्रोल करने के लिए अच्छे प्रयास किए गए।