Highlights
– बदायूं में जिला प्रशासन की घोर लापरवाही आई सामने
– मृतक महिला ग्राम प्रधान के घर एक करोड़ 71 लाख 77 हजार रुपए का रिकवरी नोटिस भेजा
– परिजन बोले- जिला प्रशासन ने बगैर जांच के भेजा नोटिस, पूरा परिवार डिप्रेशन में
बदायूं. यूपी के बदायूं में प्रशासन की घोर लापरवाही का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां जिला प्रशासन ने लापरवाही की सभी सीमाएं लांघते हुए एक मृतक महिला ग्राम प्रधान के घर एक करोड़ 71 लाख 77 हजार रुपए का रिकवरी नोटिस भेजा है। इतना ही रिकवरी का यह नोटिस आठ साल का जारी हुआ है, जबकि मृतका महज सात माह ही ग्राम प्रधान रही थी। नोटिस मिलन के बाद से दिवंगत प्रधान के परिजन सदमे में हैं। परिजनों ने बताया कि नोटिस आने के बाद पूर्व प्रधान के पति बीमार हो गए हैं। बदायूं में यह नोटिस लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
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दरअसल, यह मामला बदायूं जिले के जगत ब्लॉक का है। जहां इस बार अधिकारियों ने लापरवाही की सभी सीमाएं लांघते हुए मृतका ग्राम प्रधान के घर करीब पौने दो करोड़ रुपए का रिकवरी नोटिस भेज दिया है। बताया जा रहा है कि जगत ब्लॉक के खेड़ा बुजुर्ग में 2015 में हुए ग्राम पंचायत चुनाव में नजमा बेगम को प्रधान चुना गया था। लेकिन, वह महज सात महीने का ही कार्यकाल पूरा कर पाई थी कि इसी बीच बीमारी के कारण नजमा बेगम की मृत्यु हो गई। इसके बाद पंचायत विभाग की तरफ से एक समिति गठित कर दी गई।
बताया जा रहा है कि नजमा बेगम की मौत के बाद फिर से प्रधानी के चुनाव हुए, लेकिन नजमा बेगम के परिवार से कोई ग्राम प्रधान नहीं बन सका। इसके बावजूद जिला प्रशासन की तरफ से नजमा बेगम के विरूद्ध एक करोड़ 71 लाख 77 हजार रुपए का रिकवरी नोटिस जारी कर दिया गया है। नोटिस के बाद से जहां नजमा के परिजन सदमे में हैं। वहीं जिला प्रशासन की भी जमकर किरकिरी हो रही है। नजमा बेगम के परिवार के सदस्य चुन्ना मियां का कहना है कि जिला प्रशासन ने बगैर जांच के नोटिस भेजा है। इससे पूरा परिवार डिप्रेशन में चला गया है।
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